Kali Ashtottara Shatanamavali
Maa Kali is the fierce embodiment of divine feminine power, the destroyer of illusion, the protector of truth, and the liberator of souls. 108 names of maa kali are not just titles; they are energetic keys that unlock layers of spiritual transformation. Each name carries a vibration that invokes her wrathful compassion, her protective grace, and her ability to dissolve ego and fear. Benefits:
- Ego Dissolution
- Emotional Healing: Releases suppressed anger, grief, and fear
- Spiritual Protection:
- Inner Strength
IMPORTANT INSTRUCTIONS
How to Use This Stotra/Namavali for Your Benefit
To truly receive the blessings of this Stotra there are two methods. The first method is that you begin by taking a sankalpa—a heartfelt vow or intention. Decide how many days you will commit to this practice: 7, 9, 11, 21, 40, or any number that feels spiritually aligned with your goal.
Click here for Hindi Version
Your intention may be for:
- Financial stability
- A fulfilling job
- Peace and health
- The well-being of a loved one
- Spiritual growth
- Marriage
- Divine grace and protection
- Or any other goal/desire that you may have in mind
The desire should be genuine and positive, never rooted in harm or negativity.
Click here to go “Back to Bhagwan”
Daily Recitation Commitment
Choose how many times you will recite the Stotra each day: 3, 5, 7, 11, 21 or more—based on your capacity and devotion.
If you miss a day, your sadhana becomes compromised, and you must begin again from Day 1. This discipline strengthens your spiritual resolve.
Bhakti Without Boundaries
The second method is that you may choose to chant this Stotra purely out of bhakti—without any time-bound commitments. In such cases, the heart becomes the altar, and sincerity becomes the offering.
Factors That Influence the Results
The fruits of your sadhana depend on:
- The number of daily recitations
- The total duration of your practice (number of days)
- The depth of your concentration and devotion
Click here to go “Back to Bhagwan”
You can amplify the energy of your sadhana by observing certain spiritual disciplines (these are recommended but no mandatory):
- Avoiding non-vegetarian food
- Refraining from onion and garlic
- Sitting for recitation at the same time daily
- Abstaining from sensual indulgences or distractions
Click here for Hindi Version
The more difficult and focused your practice, the more profound the blessings/results after its completion.
Kali Ashtottara Shatanamavali Begins

ॐ कपालिन्यै नमः
ॐ कान्तायै नमः
ॐ कामदायै नमः
ॐ कामसुन्दर्यै नमः
ॐ कालरात्र्यै नमः 6
भय नाश करनेवाली
कपाल धारिणी देवी
सौंदर्य स्वरूपा माता
इच्छा पूर्ण दायिनी
अनुपम शोभा वाली
अंधकार नाशिनी शक्ति
ॐ कालभैरवपूजितायै नमः
ॐ कुरुकुल्लायै नमः
ॐ कामिन्यै नमः
ॐ कमनीयस्वभाविन्यै नमः
ॐ कुलीनायै नमः 12
कालिका रूपिणी माता
कालभैरव की पूजित
शक्तिशाली कुरुकुल्ला देवी
कामना पूर्ण करने वाली
प्रिय और आकर्षक स्वभाव
श्रेष्ठ कुल की अधिष्ठात्री
ॐ कुलवर्त्मप्रकाशिन्यै नमः
ॐ कस्तूरीरसनीलायै नमः
ॐ काम्यायै नमः
ॐ कामस्वरूपिण्यै नमः
ॐ ककारवर्णनिलयायै नमः 18
कुल की रचयिता
परिवार प्रकाश करने वाली
मुस्कान जैसी मृदुता
इच्छा की प्राप्ति करने वाली
काम का रूप
ककार वर्ण की अधिष्ठात्री
ॐ करालिकायै नमः
ॐ कुलकान्तायै नमः
ॐ करालास्यायै नमः
ॐ कामार्तायै नमः
ॐ कलावत्यै नमः 24
कामधेनु की विभूषिका
भयावह करालिका माता
कुल की प्रिय अधिष्ठात्री
शक्तिमयी कराला स्वरूपा
भक्तों की कामार्थी
कलाओं की अधिष्ठात्री देवी
ॐ कामाख्यायै नमः
ॐ कौमार्यै नमः
ॐ कुलपालिन्यै नमः
ॐ कुलजायै नमः
ॐ कुलकन्यायै नमः 30
कृशोदर रूपी माता
कामाख्या देवी
कुमार रूपधारिणी
कुल की रक्षक
परिवार की जननी
कुल की कन्या
ॐ कुलपूजितायै नमः
ॐ कामेश्वर्यै नमः
ॐ कामकान्तायै नमः
ॐ कुञ्जेश्वरगामिन्यै नमः
ॐ कामदात्र्यै नमः 36
संघर्ष करण वाली देवी
कुल में पूजित माता
काम की अधिष्ठात्री
काम का प्रिय स्वरूप
कुंज की सुरक्षिका
सब काम देने वाली
ॐ कृष्णायै नमः
ॐ कपर्दिन्यै नमः
ॐ कुमुदायै नमः
ॐ कृष्णदेहायै नमः
ॐ कालिन्द्यै नमः 42
काम संकट दूर करने वाली
कृष्ण रूपिणी देवी
केशों वाली माता
कमल की तरह सुन्दर
कृष्ण देहिणी माता
कालिंदी नदी की अधिष्ठात्री
ॐ काश्यप्यै नमः
ॐ कृष्णमात्रे नमः
ॐ कुशिशाङ्ग्यै नमः
ॐ कलायै नमः
ॐ क्रींरूपायै नमः 48
कुल में पूजित देवी
कश्यप मुनि की पूजा वाली
कृष्णमूर्ति की माता
कुश के अंग जैसी माता
संगीत और कला की देवी
क्रीं मंत्र का रूप
ॐ कमलायै नमः
ॐ कृष्णपूजितायै नमः
ॐ कृशाङ्ग्यै नमः
ॐ किन्नर्यै नमः
ॐ कर्त्र्यै नमः 54
कुल में सुगम पहुँच वाली
कमल स्वरूपा माता
कृष्ण द्वारा पूजित
कृश अंग वाली देवी
स्वर पक्षी जैसी देवी
सृष्टि की कर्ता
ॐ कार्तिक्यै नमः
ॐ कम्बुकण्ठ्यै नमः
ॐ कौलिन्यै नमः
ॐ कुमुदायै नमः
ॐ कामजीविन्यै नमः 60
कल का कण्ठ धारिणी
कुशल कर्त्त्री कार्तिकी
कम्बुकण्ठ रूपा देवी
कौलि कुल की माई
सदाबहार कमल सी
कामजीवन प्रदान करने वाली
ॐ कीर्तिकायै नमः
ॐ कृत्यायै नमः
ॐ कीर्त्यै नमः
ॐ कुलपालिकायै नमः
ॐ कामदेवकलायै नमः 66
कुल की स्त्री माता
कीर्ति की दायिनी
कर्तव्यपालन करने वाली
कीर्ति का रूप
कुल की पालक
कामदेव की कला वाली
ॐ कामाङ्गवर्धिन्यै नमः
ॐ कुन्तायै नमः
ॐ कुमुदप्रीतायै नमः
ॐ कदम्बकुसुमोत्सुकायै नमः
ॐ कादम्बिन्यै नमः 72
काल्पवृक्ष की तरह देनी
कामांग बढ़ाने वाली
कुन्ती जैसी माता
कमल की प्रिय माता
कदम्ब का फल देती
कादम्ब वृक्ष की अधिष्ठात्री
ॐ कृष्णानन्दप्रदायिन्यै नमः
ॐ कुमारीपूजनरतायै नमः
ॐ कुमारीगणशोभितायै नमः
ॐ कुमारीरञ्जनरतायै नमः
ॐ कुमारीव्रतधारिण्यै नमः 78
कमल रूपा माता
कृष्ण आनंद देने वाली
कुमारी पूजन में रत
कुमारी गणों की शोभा
कुमारी मनोरंजन करती
व्रत की पालक माता
ॐ कमनीयायै नमः
ॐ कामशास्त्रविशारदायै नमः
ॐ कपालखट्वाङ्गधरायै नमः
ॐ कालभैरवरूपिण्यै नमः
ॐ कोटर्यै नमः 84
कङ्काल स्वरूपा माता
प्रियतम रूप की देवी
कामशास्त्र में निपुण
कपाल और खड्ग धारिणी
कालभैरव स्वरूप माता
कोटि गुणों वाली माता
ॐ काशीवासिन्यै नमः
ॐ कैलासवासिन्यै नमः
ॐ कात्यायन्यै नमः
ॐ कार्यकर्यै नमः
ॐ काव्यशास्त्रप्रमोदिन्यै नमः 90
कोटि आँखों वाली
काशी की वासी माता
कैलास की अधिष्ठात्री
कात्यायन मुनि की पूजा
कार्य संपादिका देवी
काव्य विद्या में प्रमोदिनी
ॐ कामपीठनिवासिन्यै नमः
ॐ कङ्गिन्यै नमः
ॐ काकिन्यै नमः
ॐ क्रीडायै नमः
ॐ कुत्सितायै नमः 96
काम का आकर्षक रूप
कामपीठ की वासी
कंघी वाली माता
काकिनी स्वरूपा देवी
लीला करने वाली
निन्दित और बदनाम
ॐ कुण्डगोलोद्भवप्राणायै नमः
ॐ कौशिक्यै नमः
ॐ कीर्तिवर्धिन्यै नमः
ॐ कुम्भस्तन्यै नमः
ॐ कटाक्षायै नमः 102
कलह पसंद करने वाली
कुण्ड गोल से उत्पन्न प्राण
कौशिक कुल की माता
कीर्ति बढ़ाने वाली देवी
कुम्भ स्तन वाली माता
कटाक्ष देने वाली देवी
ॐ कोकनदप्रियायै नमः
ॐ कान्तारवासिन्यै नमः
ॐ कान्त्यै नमः
ॐ कठिनायै नमः
ॐ कृष्णवल्लभायै नमः 108
काव्य की देवी
कोकनद की प्रिय
कांतार की निवासी
आकर्षक रूपिणी
कठिन और दृढ़ स्वभाव
कृष्ण की प्रिय